योग से Immunity Kaise Badhaye

योग करके Immunity Kaise Badhaye: कोरोना का कहर हर दिन बढ़ता जा रहा है। पूरा विश्व इसकी चपेट में आ चुका है। हर दिन संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है और बचाव के सभी साधन आजमाएं जा रहें हैं। 

 माना जाता है कि कमजोर इम्युनिटी के लोग आसानी से कोरोना के संपर्क में आने पर उससे संक्रमित हो सकते हैं।

ऐसे में व्यक्तिगत स्तर पर हमें अपनी इम्युनिटी को बढ़ाने का कार्य करना चाहिए। तनाव हमारी इम्युनिटी यानि रोग प्रतिरोधत क्षमता को कमजोर कर देता है। इस वायरस से बचने के लिए इम्युनिटी को मजबूत होना जरुरी होता है। इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए योग महत्वपूर्ण होता है।

अनुलोम विलोम, भ्रामरी प्राणायाम, भस्त्रिका प्राणायाम, कपालभांती और सूर्य नमस्कार जैसे योग कोरोना वायरस से होने वाली घातक बीमारियों से लड़ने में हमारी मदद करेंगे।

कोरोना से बचाव के लिए Immunity Kaise Badhaye ?

कोरोना महामारी का प्रकोप चारों तरफ बढ़ने से सभी डरे हुए हैं। ऐसे में सभी के मन में यही सवाल है कि आखिर कोरोना से कैसे बचा जा सकता है ?

इसका केवल एक मात्र जवाब है देखिए विश्व के डॉक्टर और साइंटिस्ट कोरोनावायरस के के इलाज के लिए दवाई (वैक्सीन) बनाने में जुटे हुए हैं परंतु अभी तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। ऐसे में केवल बचाव ही उपचार है है।

WHO और अभी तक की रिसर्च के अनुसार यह केवल उन्ही इंसानों को होता है जिनकी इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है। उनके शरीर में रोग से लड़ने वाली शक्ति कमजोर है और केवल यही नहीं सभी बीमारियाँ इम्युनिटी सिस्टम कमज़ोर होने की वजह से ही होती है।

आपने कोरोना के आंकड़ों में देखा होगा की हमारे इंडिया में 3% से 4% लोग अभी तक इस महामारी से ठीक होकर घर आ चुके है।

तो उन लोगों ने को रोना को कैसे हराया ? उसका जवाब यही है कि उनके शरीर की इम्युनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक थी। जिससे कि वे कोरोना से बच पाए। इसीलिए सरकार बच्चों एवं बुजुर्गों को विशेष हिदायत देती है कि वे बाहर जाने से बचे। क्योंकि बच्चों और बुजुर्गो में इम्यूनिटी सिस्टम इतना अच्छा नहीं होता जितना की एक व्यस्क व्यक्ति में होता है।

पर इसका मतलब यह भी नहीं है की वे बहार जा सकते है। अभी तक सबसे अधिक रोगी व्यस्क ही पाए गए है क्योंकि इन्हे ही काम से या अन्य किसी कारन से घर से निकलना पड़ता है।

1. भस्त्रिका प्राणायाम

भस्त्रिका का अर्थ “धौकनी” होता है। अंग्रेज़ी में इस प्राणायाम अभ्यास को Bellows Breathing Technique कहा जाता है। जानिए इस से Immunity Kaise Badhaye ?

जिस तरह लोहार की धौंकनी लगातार फुलती और पिचकती रहती है, उसी तरह दोनों नासिकाओं से धीरे-धीरे वायु अंदर लीजिए और पेट को फैलाइए, उसके बाद गर्जना के साथ इसे तेजी से बाहर फेंकिए।

भस्त्रिका प्राणायाम करने की विधि :

  1. सबसे पहले किसी आराम अवस्था में बैठे और हो सके तो पद्मासन में बैठे।
  2. अपनी गर्दन, शरीर और सीधा रखे।
  3. अब धीमे धीमे सांस ले।
  4. अब सांस बलपूर्वक छोड़े।
  5. ऐसा करते हुए अब बलपूर्वक सांस ले और बलपूर्वक छोड़े।
  6. इस तरह से तेजी के साथ 10 बार बलपूर्वक श्वास लें और छोड़ें।
  7. इस तरह से आप 10 चक्र करें। (शुरुआत अपनी क्षमता के अनुसार करे)

भस्त्रिका प्राणायाम के लाभ

  • पेट की चर्बी कम करने के लिए। विशेष रूप से अति तीव्रता से होता है।
  • वजन घटाने के लिए
  • अस्थमा के लिए
  • भूख बढ़ाने के लिए

सावधानियां :

  • हाई ब्लडप्रेशर (उच्च रक्तचाप) वाले व्यक्ति को नहीं करनी चाहिए।
  • हृदय रोग, सिर चकराना, मस्तिष्क ट्यूमर, मोतियाबिंद, आंत या पेट के अल्सर या पेचिश के मरीजों के ये प्राणायाम नहीं करना चाहिए।

2. कपालभाती प्राणायाम

कपालभाति प्राणायाम की उचित व्याख्या है, “चमकने वाला मस्तक”।

इसका तात्पर्य यह है कि आपका माथा सिर्फ बाहर से नही चमकता परंतु यह प्राणायाम आपकी बुद्धि को भी स्वच्छ व तीक्ष्ण बनाता है।

विधि :

  1. आराम से बैठ जाएँ और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखे।
  2. अब गहरी लंबी सांस लें और धीरे-धीरे छोड़ दें।
  3. साँस छोड़ते हुए अपने पेट को अंदर की ओर खींचे। अपने पेट को इस प्रकार से अंदर खींचे की वह रीढ़ की हड्डी को छू ले। जितना हो सके उतना ही करें।
  4. ऐसा आपको लगातार करना है। बीच में रुकना नहीं है। साथ ही ध्यान रहे कि मुंह को बंद रखें। उससे न तो सांसा छोड़ें या लें।
  5. एक चक्र पूरा करने के लिए 20 बार सांसे अंदर लें और छोड़े।
  6. एक राउंड खत्म होने के पश्चात, विश्राम करें और अपनी आँखों को बंद कर लें।
  7. कपालभाति प्राणायाम के दो और क्रम (राउंड) को पूरा करें।

लाभ :

  • शरीर में रक्त प्रवाह बेहतर होता है।
  • चेहरे पर चमक बढ़ाता है।
  • पाचन क्रिया अच्छा करता है।
  • पेट की चर्बी काम करता ही और मन को शांत करता है।

सावधानियाँ :

  • महिलाओं को यह प्राणायाम गर्भावस्था के दौरान अथवा उसके तुरंत बाद नही करना चाहिए। मासिक धर्म के दौरान भी यह प्राणायाम नही करना चाहिए।
  • इसका सीधा सम्बन्ध शरीर से नहीं बल्कि दिमाग से है। तो यह आवश्यक ही की इसे सही तरीके से ही किया जाये।

3. अनुलोम विलोम प्राणायाम

इसे नाड़ी शोधन प्राणायाम के नाम से भी जाना जाता है। अर्थात

नाड़ी = सूक्ष्म ऊर्जा प्रणाली; शोधन =सफाई, शुद्धि; प्राणायाम =साँस लेने की प्रक्रिया।

विधि :

  1. आराम से बैठे।
  2. रीढ़ की हड्डी को सीधा और कंधों को ढीला छोडकर बैठे।
  3. अब चिन मुद्रा में बैठे जैसा की निचे वीडियो में बताया गया है।
  4. फिर राइट हाथ के अंगूठे से राइट नथुने को बंद करे और लेफ्ट नथुने से सांस ले। सांस धीरे धीरे ले हुए पांच तक गिनती करे।
  5. अब राइट नथुने को छोड़ दे और हाथ की रिंग फिंगर (अनामिका) से लेफ्ट नथुने को बंद करे और पांच की गिनती के साथ राइट नथुने से सांस छोड़ दे।
  6. यह एक तरफ का क्रम पूरा हुआ।
  7. अब पांच की गिनती के साथ राइट नथुने से सांस ले।
  8. अब लेफ्ट नथुने को छोड़ दे और लेफ्ट नथुने से सांस छोड़े।
  9. यह एक क्रम पूरा हुआ।
  10. यह योग शुरुआत में 2 मिनट से ज्यादा ना करे।

लाभ :

  • मन शांत और केंद्रित रहता है।
  • श्वसन प्रणाली व रक्त-प्रवाह तंत्र ठीक काम करते है।
  • शरीर का तापमान बनाए रखता है।  

सावधानियाँ :

  • यह भूखे पेट करे
  • यदि भोजन कर लिया हो तो यह प्राणायाम भोजन से 3 घंटे बाद ही करे

4. भ्रामरी प्राणायाम करके Immunity Kaise Badhaye

भ्रामरी प्राणायाम का नाम भारत में पाई जाने वाली बढ़ई मधुमक्खी से प्रेरित है जिसे भ्रामरी भी कहा जाता है। इस प्राणायाम को करने के पश्चात व्यक्ति का मन तुरंत शांत हो जाता है।

विधि :

  1. किसी शांत वातावरण में बैठ जाएं।
  2. कुछ समय के लिए अपनी आँखों को बंद रखें।
  3. तर्जनी ऊँगली को अपने कानों पर रखें। आपके कान व गाल की त्वचा के बीच में एक उपास्थि है। वहाँ अपनी ऊँगली को रखें।
  4. अब लम्बी गहरी सांस ले और छोड़ते हुए उपास्थि पर हल्का सा जोर दे।
  5. सांस छोड़ते हुए भिनभिनाने वाली (मधुमख्खी जैसे) आवाज़ निकालें।
  6. इस प्रक्रिया को 3-4 बार दोहराएँ।

लाभ :

  • इस प्राणायाम के अभ्यास से बुद्धि तीक्ष्ण होती है।
  • आत्मविश्वास बढ़ता है।

सावधानियाँ :

  • भिनभिनाने वाली आवाज़ निकलते हुए, अपने मुँह को बंद रखें।
  • अपने कान, आँख या नाक को अधिक ज़ोर से नहीं दबाना चाहिए।

5. सूर्य नमस्कार

‘सूर्य नमस्कार’ का शाब्दिक अर्थ सूर्य को अर्पण या नमस्कार करना है। यह योग आसन शरीर को सही आकार देने और मन को शांत व स्वस्थ रखने का उत्तम तरीका है। सूर्य नमस्कार 12 शक्तिशाली योगो का समन्वय है।

सूर्य नमस्कार के 12 आसन

  1. प्रणाम आसन | Prayer pose
  2. हस्तउत्तानासन |Raised Arms pose
  3. हस्तपाद आसन |Hand to Foot pose
  4. अश्व संचालन आसन | Equestrian pose
  5. दंडासन |Dandasana (Stick pose)
  6. अष्टांग नमस्कार | Ashtanga Namaskara (Salute With Eight Parts Or Points)
  7. भुजंग आसन Cobra Pose
  8. पर्वत आसन | Parvatasana (Mountain pose)
  9. अश्वसंचालन आसन | Ashwa Sanchalanasana (Equestrian pose)
  10. हस्तपाद आसन | Hasta Padasana (Hand to Foot pose)
  11. हस्तउत्थान आसन | Hastauttanasana (Raised Arms pose)
  12. ताड़ासन | Tadasana

विधि :

सूर्य नमस्कार काफी बड़ा आसन है आप वीडियो के माध्यम से सूर्य नमस्कार की विधि सही तरीके से सिख सकते है :

In Conclusion :

आज हमने आपको बाबा रामदेव के बताये हुए कोरोना से बचने के लिए कुछ इम्युनिटी बढ़ने वाले योग बताये की किस प्रकार आप कोरोना से बचने के लिए Immunity Kaise Badhaye. इन सब योग को करके आप अपनी इम्युनिटी बढ़ा सकते है। इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करे ताकि सभी तक ये बात पहुंच सके और कोरोना से बचा जा सके।

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